उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहुंचे दून!भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में किया प्रतिभाग!संस्थान के वैज्ञानिकों एवं शोध छात्रों से किया संवाद
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहुंचे दून!भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में किया प्रतिभाग!संस्थान के वैज्ञानिकों एवं शोध छात्रों से किया संवाद
देहरादून।उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान- सीएसआईआर में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने आईआईपी परिसर में पौधारोपण किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने संस्थान के वैज्ञानिकों एवं शोध छात्रों से संवाद भी किया।
उपराष्ट्रपति ने भारतीय पेट्रोलियम संस्थान द्वारा किए जा रहे नवाचार के कार्यों की जमकर सराहना की। उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखण्ड में प्रकृति प्रदत्त वन, नदियां और हिमालय जैसी अपार संपदा है, जो हमें प्रकृति से और भी करीब लाते हैं। हम सब की जिम्मेदारी है कि हम इस धरती का पर्यावरणीय दृष्टिकोण से ख्याल रखें।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने वेस्ट मटेरियल से बायोफ्यूल बनाने जैसे नवाचार से प्रधानमंत्री के विजन को भी आगे बढ़ाया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज हमारे सामने “क्लाइमेट चेंज”, “बायोडायवर्सिटी लॉस”, “प्राकृतिक संसाधनों की कमी” जैसी चुनौतियाँ हैं, उन्होंने कहा कि यह सिर्फ हमारी अकेले की चिंता नहीं बल्कि पूरा विश्व इसके लिए चिंतित है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय पेट्रोलियम संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर्यावरण की रक्षा करना हम सब की जिम्मेदारी है जलवायु परिवर्तन से पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है जिसको देखते हुए आज के समय में क्लीन एनर्जी की जरूरत है।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि बीते वर्ष भारत में G20 का नेतृत्व किया और इस दौरान पूरे विश्व के विभिन्न प्रतिनिधि देशों ने भारत के प्रयासों की सराहना की। वर्ष 2023 में G20 सम्मेलन के दौरान “ग्लोबल बायोफ़्यूल एलाइंस” का शुभारंभ भविष्य के लिए एक स्थायी ऊर्जा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य 2070 तक “कार्बन न्यूट्रल” बनना है जिसके तहत परिवहन क्षेत्र में “बायोफ़्यूल” के उपयोग का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है जिसके तहत सर्कुलर इकॉनमी पर अधिक जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें प्राकृतिक संसाधनों के न्यूनतम उपयोग करते हुए उनके संरक्षण पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। हमें अपने उपयोग को आर्थिक साधनों के बजाय वास्तविक ज़रूरतों पर आधारित करने की आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय नियोजन में स्थिरता का एकीकरण, ग्रीन इनिशिएटिव के लिए बजट आवंटन और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए भारत के समग्र दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया है।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से. नि.) गुरमीत सिंह , डॉ. सुदेश धनखड़, निदेशक आईआईपी देहरादून डॉ. एच.एस. बिष्ट उपस्थित रहे।