पुरानी जिला अदालत की खाली जमीन पर चैंबर निर्माण की मांग
देहरादून,। उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून की पुरानी जिला अदालत की खाली जमीन पर चैंबर निर्माण की मांग को लेकर अधिवक्ता विगत आठ दिन से हरिद्वार रोड़ पर धरना प्रदर्शन कर रहे है। आज अधिवक्ताओं ने एलान किया की जब तक सूबे के मुख्यमंत्री से सभी सात मांगो पर वार्ता नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
वकीलों के चेंबर निर्माण और जमीन आवंटन की मांगों को लेकर देहरादून बार एसोसिएशन और सरकार के बीच कोई समन्वय नहीं बन सका है। इसकी वजह से वकीलों की हड़ताल और प्रदर्शन जारी रहेगा। हालांकि एसोसिएशन की ओर से गठित संघर्ष समिति ने मंगलवार को सरकार के सामने अपनी मांगे रख दी हैं। साथ ही साफ कह दिया है कि सरकार यदि उनकी मांगों पर 48 घंटे के भीतर लिखित आश्वासन नहीं देती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा। इस सूरत में आम लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। अदालत के साथ-साथ रजिस्ट्रार ऑफिस का काम भी ठप पड़ा है। हड़ताल के चलते बस्ते, टाइपिंग, स्टाम्प वेंडर आदि सेवाएं भी पूरी तरह बंद हैं। हरिद्वार रोड पर चक्का जाम होने के कारण एक सप्ताह से रास्ते परिवर्तित हैं, जिससे वाहन चालक भी परेशान हैं। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल और सचिव राजबीर सिंह बिष्ट ने सभी अधिवक्ताओं को आंदोलन में शामिल होने के लिए अनिवार्य उपस्थिति दर्ज कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि सभी अधिवक्ता अदालत और न्यायिक कार्यालयों से पूरी तरह दूर रहेंगे। रजिस्ट्रार ऑफिस में भी काम नहीं होगा।
राजधानी देहरादून की पुरानी जिला अदालत की खाली जमीन पर चैंबर निर्माण की मांग को लेकर अधिवक्ता पिछले आठ दिन से प्रदर्शन कर रहे है. पूरे दिन कचहरी में सभी गतिविधियां बंद रखने का फैसला लिया गया था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी सविन बंसल और एसएसपी अजय सिंह ने भी मुलाकात की, जिलाधिकारी ने अधिवक्ताओं से 15 सदस्यों की एक कमेटी गठित कर जल्द सुझाव मांगे हैं. साथ ही आश्वासन दिया कि प्रशासन इन सुझावों को जल्द से जल्द सरकार तक पहुंचाएगा. वही अगर बार एसोसिएशन आश्वस्त होते है तो धरना बंद कर देंगे और आश्वस्त नहीं होते है तो धरना जारी रहेगा।
बार एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी कपिल अरोड़ा ने बताया है कि अधिवक्ता पिछले आठ दिनों से धरने पर है। उनकी मुख्य मांग है कि जिला कोर्ट के पुराने परिसर में उन्हें चेंबर निर्माण के लिए भूमि दी जाए। इसके अलावा नए न्यायालय परिसर में चेंबर निर्माण के लिए भूमि दी जाए। वकीलों के बारे में सरकार ने कुछ नहीं सोचा है। कही भी किसी न्यायालय में बिना अधिवक्ता के कार्य नहीं हो सकता है। अगर न्यायालय में वकील नहीं होगे तो किसी को न्याय मिल पाएगा? फिर न्यायाधीश किसी को न्याय दे पाएंगे? साथ ही बताया है कि सीएम के निर्देश पर सोमवार को जिलाधिकारी और एसएसपी प्रदर्शन के दौरान मुलाकात की थी। उनके द्वारा आश्वस्त किया गया है कि कोर्ट नीति अपनाते हुए जल्द से जल्द विचार किया जाएगा। साथ ही बार एसोसिएशन की एक 15 सदस्यों की समिति बनाई गई है, जो आज जिलाधिकारी से मिलकर अपनी बात रखेंगे। अगर बार एसोसिएशन आश्वस्त हुए तो धरना बंद कर देंगे। अगर आश्वस्त नहीं हुए तो यह धरना आगे भी जारी रहेगा।
