सार्वजनिक परिसंपत्तियों की अधूरी मैपिंग पर सीडीओ सख्त, दिए एक हफ्ते में पूरा करने के निर्देश
देहरादून । जिले में सार्वजनिक परिसंपत्तियों के प्रभावी प्रबंधन को लेकर मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में समस्त विभागों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सरकारी भूमि, भवन, सड़कों, तालाबों, पार्कों सहित अन्य सार्वजनिक परिसंपत्तियों के संरक्षण और अभिलेखीकरण पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे अपनी-अपनी परिसंपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड शीघ्र तैयार करें। इसके अंतर्गत प्रत्येक परिसंपत्ति का पॉलीगॉन (सीमा निर्धारण) बनाकर उसे निर्धारित पोर्टल पर अपलोड किया जाए, ताकि परिसंपत्तियों की वास्तविक स्थिति, क्षेत्रफल और लोकेशन स्पष्ट रूप से दर्ज हो सके। सीडीओ ने कहा कि परिसंपत्तियों का सही और अद्यतन डेटा उपलब्ध होने से अतिक्रमण रोकने, रखरखाव की योजना बनाने और विकास कार्यों को गति देने में मदद मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध ढंग से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए और लापरवाही पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी। बैठक में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी ने जानकारी दी कि जिले के 63 विभागों में से 14 विभागों द्वारा परिसंपत्तियों की मैपिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जबकि 39 विभागों द्वारा यह कार्य प्रगति पर है। वहीं एमडीडीए, उत्तराखंड जल विद्युत निगम, पेयजल निगम, विजिलेंस, उच्च शिक्षा, निदेशालय शहरी विकास, महिला कल्याण सहित कुल 10 विभागों ने अभी तक मैपिंग कार्य प्रारंभ ही नहीं किया है। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिए कि जिन विभागों ने अभी तक मैपिंग कार्य प्रारंभ नहीं किया है, वे इसे तत्काल शुरू करें। जिन विभागों की कुछ परिसंपत्तियों की मैपिंग शेष है, वे एक सप्ताह के भीतर कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि परिसंपत्तियों की मैपिंग एवं पोर्टल पर अपलोड होने के बाद यदि किसी प्रकार का अतिक्रमण या निर्माण होता है तो संबंधित विभागाध्यक्ष को सीधे अलर्ट प्राप्त होता है, जिससे समय रहते कार्रवाई कर अतिक्रमण को रोका जा सकता है। देहरादून जिले में अब तक 4,988 सार्वजनिक परिसंपत्तियों की मैपिंग कर पोर्टल पर अपलोड की जा चुकी है। इनमें से 211 परिसंपत्तियों पर अतिक्रमण संबंधी अलर्ट पोर्टल के माध्यम से जारी हुए हैं। कई मामलों में विभागों द्वारा समय पर कार्रवाई न किए जाने पर मुख्य विकास अधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी अधिकारियों को अलर्ट संदेशों का त्वरित संज्ञान लेने के निर्देश भी दिए। बैठक में जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, अर्थ एवं संख्याधिकारी शशि कांत गिरी, मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढ़ौडियाल, जिला पर्यटन अधिकारी वृजेन्द्र पांडेय सहित अन्य सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
